नारायण लाल कुमावत

जीवन परिचय

संचालक

श्री भेरुनाथ नर्सरी, देवथडी

श्री नारायणलाल पिता श्री भगवानलाल कुमावत, निवासी देवथडी, ग्राम पंचायत सुन्दरचा, तह. व जिला राजसमन्द जो कि पर्यावरण प्रेमी है। पर्यावरण के प्रति इनका रूझान एवं जीवन में कुछ अलग करने की मंशा को लेकर साथ ही पर्यावरण एवं जल संकट को बचाने व पहाड़ों एवं वृक्षों की अन्धाधुन्ध कटाई व दौहन के रोकने की इच्छा थी।

जलवायु के बढते संकट को देखते हुए एवं आने वाली पिढियों को स्वस्थ वातावरण में जीवन यापन करने एवं मेरा गांव व मेरे देश प्रति प्रकृति की सुरमियता एवं स्वस्थ हवा के साथ अपना जीवन जी सके। इसी प्रेरणा को लेकर उक्त बंजर एवं पहाडी व पत्थरीली भूमि को अपने भागीरथ प्रयास के द्वारा परिवर्तन का मन में सपना संजोया जिसकी विकास यात्रा का प्रारम्भ लगभग 17 वर्ष पूर्व से किया वह अनथक प्रयास आज तक जारी है। नारायणलाल कुमावत ने राजसमन्द जिले के राजसमन्द तहसील में ग्राम पंचायत सुन्दरचा के राजस्व ग्राम टुंकडा खुर्द, पटवार सर्कल देवथडी, जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 08 एवं रामेश्वर महादेव मन्दिर से लगभग 02 किलो मीटर पश्चिम की ओर जिला परिवहन कार्यालय के पास एवं भेरूनाथ मन्दिर से सटी हुई आराजी नंबर 228, 229, 230 किस्म चारागाह कुल रकबा 58 बीघा 04 विस्वा एवं आराजी नं. 177, 181, 208, 921, 983, 983/1, 1015 किस्म चारागाह कुल रकबा 227 बीघा 08 विस्वा जमीन जो कि वर्षो से चारागाह होकर बंजर, अनुपयोगी एवं पत्थरीली व उबड-खाबड एवं पहाडी रूप में अवस्थित थी।

उक्त चरागाह भूमि पर पूर्व में कई व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर रखा था, जिन्हें बडी मुश्किल से समझा बुझाकर अतिक्रमण से मुक्त करवाया और चारों ओर पत्थर की दीवारें बनवाई व सीमेंट व लोहे के पोल खड़े करके बाडबन्दी कराई। बंजर व पथरीली जगह होने के कारण पानी की कमी थी तो श्री नारायणलाल कुमावत ने 4 बोरिंग करवाकर पहाड़ों पर दो टंकी बनाकर पाईप लाईनें डालकर ड्रीप सिस्टम व फव्वारा स्प्रींकलर लगाकर पौधे लगाना शुरू किया, जिसमें अनेक किस्म के 18600 पौधे लगाये गये जिसमें जीवित 14250 रहे थे। पौधे लगाने के बाद नारायणलाल ने इस स्थान का नाम “श्री भेरूनाथ नर्सरी” रखा। इस नर्सरी में सत्र 2021 तक लगभग 1,55,615 पेड़-पौधे जीवित हैं। जिनकी ऊँचाई लगभग 20-25 फीट हैं जो की आज घने जंगल में तब्दील हो गया है जहाँ अनेक प्रकार जंगली जानवर व पक्षी रहते हैं।

  • नारायणलाल ने जंगली जानवरों व पक्षीयों के लिये पीने के पानी के लिये खुले टांके बना रखें हैं व पक्षियों के लिये परिण्डे लगा रखें हैं।
  • यहाँ पास में श्री भेरूनाथ का मन्दिर होने से लोगों का आना-जाना रहता है उनके लिये पीने की पानी की व्यवस्था कर रखी है।
  • लोगों के वनभ्रमण के लिये गार्डन भी डवलप कर रखा है तथा पहाड़ियों पर जाने के लिये पगडण्डी की व्यवस्था भी की गई है।
  • गांव के स्कूलों में भी पेड़-पौधे लगाये हैं और ने. हाईवे 8 से गाँव देवथड़ी तक रोड़ के दोनों ओर लगभग 2 कि.मी. तक पेड़-पौधे लगा रखे हैं।
  • पेड़ों की पानी व्यवस्था टेंकर द्वारा की जाती है। वर्तमान में भी नारायणलाल कुमावत अनेक स्थलों पर भी पेड़-पौधे लगाने में आगे रहते हैं। इनको देखकर गाँव के लोग भी पेड़-पौधे से प्यार करने लगे हैं।
  • देवथड़ी गांव में सर्वसमाज की श्मशान भूमि पर भी पेड़-पौधों लगाए हैं।
  • वर्ष 2010-11 में पर्यावरण के प्रति उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए वन विभाग ने जिला स्तरीय ‘वन प्रहरी’ पुरस्कार व नगद 500 रूपये प्रदान किये।