नर्सरी के लगाये गए पौधों का सम्पूर्ण विवरण

कार्य की प्रगति

ग्राम के समग्र विकास के लिये जिसमें वन प्रबन्ध के महत्वपूर्ण सिद्धान्त “CARE & SHARE” को मध्ये नज़र रखते हुए सामुहिक सम्पति (जो यहां के ग्राम वासियों की जीवन रेखा है) के प्रभावी विकास संरक्षण एवं प्रभारी प्रबन्धन कर समुचित लाभ का उपयोग कर रहे है, चारागाह क्षेत्र में पौधा रोपण, बीजा रोपण, जल एवं मृदा संवरक्षण औषधि एवं सुगन्धित पौधो के विकास एवं विपणन के सफल प्रयास किये है ।

संचालनकर्ता द्वारा विकसित एवं संरक्षित क्षेत्र का विवरण निम्नानुसार है:-

किस्म भुमि

क्षेत्रफल (है.)

भूमि का विवरण

वि.वि.

सामुदायिक भूमि (चारागाह भुमि )

285.08 बीघा / 72.32 है

बंजर व पहाड़ी

हरी भरी पहाड़ी

बमलाई (चारागाह भूमि)

58बीघा / 14.54 है

बंजर व पहाड़ी

हरी भरी पहाड़ी

पौधो की किस्म

शिशम, नीम, करंजिया, अर्जुन, पीपल, कृष्णार, सांगवान, नारियल, पोस्टल पाम, शेहतुत, बॉस, षिव बबुल, बोकन वेंल, आशापाल, कर्जोनिया, कोनो कोरपस, जामुन, कजोरनिया, सिल्वर रोक, कट्टल, रुद्राक्ष, एलोस्ट्रोनिया

फलदार पौधो की किस्म

अमरूद, अनार, पपिता, अंजीर, शेहतुत, नांरगी, आम, केले, ईमली, जंगली चेरी

फुल के पौधो की किस्म

गुडेल, कनेर, गुलाब, रातरानी, चम्पा, चमेली, मोगरा, हजारी

संचालनकर्ता द्वारा विकसित एवं संरक्षित क्षेत्र का विवरण निम्नानुसार है:-

प्रत्येक पौधे की दूरी 05 फिट से 15 फिट है एवं औसतन उंचाई 6.10 मीटर से 7.6 मिटर तक ( 20 से 25 फिट तक)

लगाये गये पौधो की संख्या:- ( 2007 से  2022 तक )

पिछले तीन वर्षो का डाटा :

 

2020

2021

2022

योग

क्षेत्रफल हैक्टर में

2.45

4.54

5.00

11.99

बजट मद

रोपित पौधे

950

22,000

28,864

51,814

जीवित पौधे

800

4,240

2,886

7,926

जीवित का प्रतिशत

84%

19.27%

10%

15.29%

जल संरक्षण कार्य :-

चरागाह भूमि पर स्थित पहाडियों में छोटे-छोटे चैक डेम एवं मेडबन्दी कर जगह जगह पानी को रोक कर जल स्तर बढाने का प्रयास किया गया।

घास प्रबन्ध एवं पैदावार प्रबन्धन :-

नर्सरी में होने वाली घास आस-पास गांवों के लोग मवेशियों के लिए निःशुल्क ले जाते हैं तथा जलाऊ लकड़ी भी आवश्यकता के अनुसार ले जा रहे हैं। मवेशियों के लिये पानी की प्याऊ भी बनाई गई है।